पर्दा क्या होता है, और क्यों लगाया जाता है, पर्दा का उत्पत्ति कब हुई जाने 2 शब्द…

पर्दा क्या होता है, और क्यों लगाया जाता है, पर्दा का उत्पत्ति कब हुई जाने

 “परदे” (Curtains)

पर्दा को इंग्लिश में Curtain कहते है.

* पर्दा:- घर की सजावट का अनिवार्य हिस्सा

*पर्दा की उत्पत्ति कैसे हुई?:- कहा जाता है कि पर्दा प्रथा की उत्पत्ति फारसी संस्कृति में हुई थी और इसे मुसलमानों ने 7वीं शताब्दी ईसवी में इराक पर अरबों की विजय के दौरान अपनाया था। उत्तरी भारत में मुस्लिम वर्चस्व ने बदले में हिंदू धर्म के अभ्यास को प्रभावित किया और उत्तरी भारत के हिंदू उच्च वर्गों में पर्दा प्रथा आम हो गई।
*परदे का आविष्कार किसने किया था?:- 3100 ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक, महान मिस्रवासियों ने पर्दों का आविष्कार किया और अपने पूरे शासन के दौरान उनका इस्तेमाल किया। सबसे पहले पर्दे जानवरों की खाल से बनाए जाते थे और हुक के साथ दरवाजों पर लटकाए जाते थे

*घर में पर्दा क्यों लगाया जाता है?:- साथ ही ये बाहर से आने वाली गंदगी को भी घर पर प्रवेश होने से रोकते हैं.वास्तु के अनुसार पर्दे लगाने से व्यक्ति को कई परेशानियों से मुक्ति भी मिलती है. इसलिए खिड़की-दरवाजे पर हमेशा वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर ही पर्दे लगाने चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है और घर पर सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है.

*पर्दा किसका प्रतीक है?:- सम्मान समर्थक पर्दा को सम्मान और गरिमा के प्रतीक के रूप में देखते हैं। इसे एक अभ्यास के रूप में देखा जाता है जो महिलाओं को शारीरिक सुंदरता के बजाय उनकी आंतरिक सुंदरता से आंकने की अनुमति देता है।
*पर्दा का महत्व क्या है?:- परदे या पर्दा ( हिंदी-उर्दू پردہ , पर्दा , जिसका अर्थ है “पर्दा”) कुछ मुस्लिम और हिंदू समुदायों में प्रचलित लिंग विभाजन की एक धार्मिक और सामाजिक प्रथा है। यह दो रूप लेता है: लिंगों का सामाजिक विभाजन और महिलाओं से यह अपेक्षा कि वे अपने शरीर को इस तरह से ढँके कि उनकी त्वचा ढँक जाए और उनका रूप छिप जाए।

*हम पर्दा क्यों लगाते हैं?:- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बाहरी लोगों की नजर से खुद को बचाने के लिए जिस तरह हम अपने घर में दरवाजे या पर्दे लगा कर रखते हैं, ठीक उसी तरह भगवान और देवी-देवताओं को भी नजर से बचाने के लिए पर्दा लगाया जाता है.
*पर्दा किस चीज से बनता है?:- पर्दे के कपड़ों के प्रकार :- ड्रेपरी लगभग किसी भी सामग्री से बनाई जा सकती है जिसका उपयोग आप कपड़ा बनाने के लिए कर सकते हैं। कॉटन, लिनन, पॉलिएस्टर, रेशम, ऊन, रेयान, ऐक्रेलिक, विस्कोस और इन सभी सामग्रियों के मिश्रण से बेहतरीन ड्रेपरी कपड़े बनाए जा सकते हैं।
मंदिर में पर्दा लगाने की वजहें:
  • मंदिर में पर्दा लगाना भगवान के प्रति सम्मान दिखाने का तरीका है.
  • शास्त्रों के मुताबिक, रात का समय भगवान के विश्राम का होता है, इसलिए परदे लगाए जाता है.
  • परदे लगाने से भगवान को रात में सोने में कोई दिक्कत नहीं होती.
  • भोग लगाने के बाद भगवान को एकांत में भोजन कराना चाहिए, इसलिए पर्दा लगाया जाता है.
  • मंदिर में परदे लगाने से मंदिर में शोर-शराबा नहीं होता.
    मंदिर में पर्दा लगाने से जुड़ी कुछ और बातें:
    • मंदिर में पर्दा लगाने के लिए पीला रंग शुभ माना जाता है.
    • मंदिर में हल्के रंग जैसे क्रीम, हल्का गुलाबी, और लाल रंग का परदे भी लगाए जा सकते है.
    • काला और नीला रंग का पर्दा मंदिर में नहीं लगाना चाहिए.
    • सुबह नहाने के बाद मंदिर का पर्दा हटाया जाता है.
    • रात में मंदिर में एक नाइट लैंप जलाया जा सकता है.

    1. परदों का महत्व:- पर्दा हमारे घर की सजावट को एक नया आयाम देते हैं। सही रंग और डिजाइन के पर्दा कमरे की भव्यता को बढ़ा सकते हैं। वे सूरज की रोशनी को नियंत्रित करते हैं और गर्मियों में ठंडक बनाए रखते हैं।

    2. देखभाल और सफाई:- परदों की सफाई भी बहुत जरूरी है। समय-समय पर इन्हें धोना या वैक्यूम करना चाहिए ताकि धूल-मिट्टी दूर हो सके। कुछ परदों को मशीन में धोया जा सकता है, जबकि कुछ को ड्राई क्लीन करने की जरूरत होती है।

    3. निष्कर्ष:- परदे सिर्फ एक सजावटी वस्तु नहीं हैं, बल्कि ये हमारे जीवन को आसान और आरामदायक बनाते हैं। सही परदों का चुनाव करना एक कला है, जो आपके घर की सुंदरता को और बढ़ा सकता है।

    हर घर की सजावट में पर्दा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। ये न केवल हमारी प्राइवेसी को बनाए रखते हैं, बल्कि हमारे घर के अंदर की सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। आइए, जानते हैं परदे के कुछ खास पहलुओं के बारे में।

    * परदों का चयन:- सजावट में निखार लाने के लिए टिप्स

    परदे न केवल कमरे की खूबसूरती को बढ़ाते हैं, बल्कि वे आपके मूड और वातावरण पर भी असर डालते हैं। सही परदों का चयन कैसे करें, इस पर कुछ उपयोगी सुझाव यहां दिए गए हैं।

     1. कमरे का उद्देश्य समझें:- कमरे का उपयोग करने के तरीके के आधार पर परदों का चयन करें। उदाहरण के लिए, बेडरूम के लिए शांत और गहरे रंग के परदे सही होते हैं, जबकि लिविंग रूम में हल्के और रंग-बिरंगे परदे अधिक उपयुक्त होते हैं।

     2. सही माप लें:-

    परदों का सही माप लेना बेहद जरूरी है। गलत माप के कारण परदे या तो छोटे लगेंगे या बहुत बड़े। माप लेते समय, खिड़की के आकार और ऊंचाई का ध्यान रखें।

    3. सामग्री का चयन:-

    परदों के लिए सामग्री का चयन भी महत्वपूर्ण है। अगर आपको धूप से बचना है, तो भारी सामग्री जैसे कि थिक कॉटन या वेलवेट बेहतर होते हैं। हल्के सामग्री जैसे कि लिनन या जॉर्जेट, रोशनी को अधिक आने देते हैं।

     4. स्टाइल और पैटर्न:-

    परदों के डिजाइन में विभिन्न पैटर्न होते हैं। फूलों, स्ट्राइप्स या सॉलिड रंगों में से चुनें। यदि आपका कमरा साधारण है, तो पैटर्न वाले परदे जोड़ने से नयापन आएगा।

    5. अद्वितीयता का तड़का:-

    अगर आप अपने घर को एक अलग लुक देना चाहते हैं, तो आप कस्टम मेड परदों पर विचार कर सकते हैं। यह आपके व्यक्तिगत स्टाइल को दर्शाने का एक बेहतरीन तरीका है।

    6. अनुकूलन?:-

    आप परदों को विभिन्न तरीकों से अनुकूलित कर सकते हैं। उन्हें मेटेलिक रॉड्स या वुडेन रॉड्स पर लटकाने से नया लुक मिलेगा।

    7. सर्दी-गर्मी का ध्यान रखें;-

    गर्मियों में हल्के और ताजगी भरे रंगों के परदे अच्छे रहते हैं, जबकि सर्दियों में गहरे और गर्म रंगों के परदे आपके कमरे को आरामदायक बनाएंगे।

     

 

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