आज की ताजा खबर,भारत सरकार द्वारा लागू किया गया नया कानून (CAA), नागरिकता संशोधन कानून,आइए जानते हैं.

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आज की ताजा खबर,भारत सरकार द्वारा लागू किया गया नया कानून (CAA), नागरिकता संशोधन कानून,आइए जानते हैं.

(CAA) क्या है, और कब लागू हुआ नागरिकता संशोधन कानून,आइए जानते हैं.

 

12 मार्च 2024 की ताज़ा अपडेट के अनुसार, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 भारत सरकार द्वारा लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कानून है। इस अधिनियम के अंतर्गत, कुछ विशेष धार्मिक समुदायों से जुड़ी व्यक्तियों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से भारत नागरिक होने का अधिकार प्रदान किया गया है, यदि वे 2014 से पहले भारत में आए हैं और उनका धार्मिक आस्था से जुड़ा विवाद था।

इस अधिनियम के तहत, उन शरणार्थियों को भी राहत प्रदान की गई है, जो भारत में सुरक्षा की तलाश में आए हैं और उनकी धार्मिक आस्था से जुड़ी व्यवस्था में कठिनाइयां हैं। CAA के माध्यम से, उन शरणार्थियों को भारत में अधिकारिक तौर पर नागरिकता प्राप्त करने का अवसर दिया गया है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद, देश भर में इस पर विभिन्न दृष्टिकोण हैं।

कुछ लोग इसे सामाजिक समरसता और मानवता के दृष्टिकोण से देखते हैं, जबकि कुछ लोग इसे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के मुद्दे के रूप में देखते हैं। CAA ने समाज में चर्चा और बहस को जन्म दिया है, और इस पर विभिन्न मत व्यक्त किए जा रहे हैं।

CAA का मतलब है “नागरिकता संशोधन अधिनियम” (नागरिकता संशोधन अधिनियम)। ये भारत के एक प्रमुख कानून है जो 2019 में लागू किया गया था। क्या अधिनियम का मुख्य उद्देश्य भारत के नागरिक बनने की प्रक्रिया को नियमबद्ध करना है और कुछ विशेष परिस्थितयों में रह रहे अनुयाइयों के लिए नागरिक प्रदान करना है।

• भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAB) संसद में पेश किया गया था।
संशोधित कानून में ये अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई है।
• यह लोकसभा में 10 दिसंबर 2019 और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही CAA  कानून बना।
• भारतीय नागरिकता कानून 1955 में अब तक 6 बार (1986, 1992, 2003, 2005, 2015, 2019) संशोधन हो चुका है।
• पहले भारतीय नागरिकता लेने के लिए भारत में 11 साल रहना जरूरी था। नए


• नागरिकता संशोधन विधेयक का पूर्वोत्तर राज्यों खासकर बांग्लादेशी सीमा से सटे असम-पश्चिम बंगाल में काफी विरोध हुआ था।

• असम के लोगों का तर्क था कि बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिंदुओं को नागरिकता देने से यहां के मूल निवासियों के अधिकार खत्म होंगे।

• केंद्र सरकार असम में नेशनल सिटीजन रजिस्टर (NRC) भी लाई थी, जिसका मकसद यहां रह रहे घुसपैठियों की पहचान

नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) भारत सरकार द्वार 2019 में लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कानून है। इस अधिनियम के तहत, कुछ विशेष धार्मिक समुदाय से जुड़े लोगों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत नागरिक होने का अधिकार दिया गया है, अगर वे 2014 से पहले भारत में आए हैं और उनका धार्मिक आस्था से जुड़ा विवाद था। क्या अधिनियम के द्वार, धार्मिक आस्था पर आधारित नागरिक प्राप्त करने की प्रक्रिया को नियमबद्ध किया गया है।

सीएए का प्रमुख उद्देश्‍य शरणार्थियों को राहत प्रदान करना है, जो ऊपर दी गई शेयरेन पूरी करते हैं। यह अधिनियम उन शरणार्थियों को भी जोड़ता है, जो भारत में सुरक्षा की तलाश में आए हैं और उनकी धार्मिक आस्था से जुड़ी व्यवस्था में कथाएं हैं। क्या अधिनियम के माध्यम से, उन शरणार्थियों को भारत में अधिकारिक तौर पर नागरिक प्राप्त करने का अवसर दिया गया है।

सीएए के लागू होने के बाद, देश भर में इस पर विभिन्न दृष्टि हैं। कुछ लोग इसे सामाजिक समरसता और इंसानियत के दृष्टिकोण से देखते हैं, जबकी कुछ लोग इसे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के मुद्दे के रूप में देखते हैं। क्या आधुनिक ने समाज में चर्चा और बहस को जन्म दिया है, और उसपर अलग-अलग मत व्यक्त किया जा रहा है।

 

CAA में कुछ मुख्य बिंदु हैं:-

1. धार्मिक आसियान पर आधारित नागरिक प्रदान: CAA के तहत, भारत के कुछ विशेष धार्मिक समुदायों से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान को जोड़ने का अवसर प्रदान किया गया है, अगर वे 2014 से पहले भारत मैं आया हूं और उनका धार्मिक आस्था से जुड़ा विवाद था।

2. शरणार्थियों को राहत: CAA में शरणर्थियों को भी शामिल किया गया है, जो ऊपर दी गई शेयरेन पूरी करते हैं। उनको भारत में अधिकारिक तौर पर नागरिक प्रदान की जाति है।

3. नागरिकता प्राप्ति का आसानीकरण: CAA के माध्यम से, अनुयायियों को नागरिकता प्राप्ति करने का तरीका और प्रकृति आसान बन गई है।

सीएए लागू होने के बाद, काई लोग इस पर अलग-अलग मत करते हैं। कुछ लोग इसे सामाजिक समरसता और दयित्व के दृष्टिकोन से देखते हैं, जबकी कुछ लोग इसे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के मुद्दे के रूप में देखते हैं। क्या आधुनिक ने देश भर में चर्चा और बहस को जन्म दिया है, और उसपर काई तरह के दृष्टिकोण हैं।

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